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चतुर्थ विश्व दलहन दिवस

भा.कृ.अनु.प.- भारतीय कृषि जैव प्रौद्योगिकी संस्थान, राँची में दिनांक 10.02.2022 को चतुर्थ विश्व दलहन दिवस के अवसर पर सेमिनार एवं किसान गोष्ठी का आयोजन किया गया । इस कार्यक्रम में सर्वप्रथम डॉ विजय पाल भडाना, “प्रधान वैज्ञानिक” ने स्वागत भाषण प्रस्तुत करते हुए उपस्थित किसान भाई-बहनो, अतिथियों एवं कर्मचारियों को इस दिवस की बधाई दी एवं संक्षिप्त में दलहन की उपयोगिता के विषय में ज्ञानवर्धन किया । इस अवसर पर मुख्य अतिथि डॉ ए. के. सिंह, प्रभारी ने दलहन की गुण एवं झारखण्ड में इसके अपार संभावनाओ पर जोर दिया । डॉ ए. पट्टनायक, निदेशक, भा.कृ.अनु.प.- भारतीय कृषि जैव प्रौद्योगिकी संस्थान, राँची ने अवगत कराया कि दलहन फसल पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं, साथ ही साथ ये मृदा के स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी होते हैं । डॉ सी चटोपाध्याय, संयुक्त निदेशक (शैक्षिक) ने इस अवसर पर दलहनी फसलों के रोग एवं कीट प्रबंधन के बारे में किसानो को जानकारी उपलब्ध कराये । इस अवसर पर संस्थान के द्वारा मूंग के उन्नत किस्म (विराट) के बीजों का किसानो के बीच वितरण किया गया ।

सेमिनार के मुख्य वक्ता डॉ आर एस पान, प्रधान वैज्ञानिक, ने सब्जी योग्य दलहन के ऊपर विस्तृत में व्याख्यान प्रस्तुत किये । किसान गोष्ठी के दौरान किसानो एवं वैज्ञानिको के बीच दलहन के प्रबंधन, किस्मो का चयन, एवं पशु चारा के उपयोग के बारे में भी संवाद हुआ । डॉ सौमेन नस्कर (प्रधान वैज्ञानिक) ने दलहन के भूसी एवं छिलका का उपयोग पशु के स्वास्थ्य, दुग्ध उत्पादन एवं गुण बढ़ाने में महत्वपूर्ण है, इस बात पर जोर दिया। इस कार्यक्रम के कार्यान्वयन में डॉ सुधीर कुमार, वैज्ञानिक, डॉ मदन कुमार वैज्ञानिक एवं डॉ शम्भु कृष्ण लाल, वैज्ञानिक ने महत्वपूर्ण भूमिका निभायी ।